जादुई गधा – Akbar Birbal Stories in Hindi – Jaadui Gadha

Akbar Birbal Stories in Hindi - Jaadui Gadha

” जादुई गधा ” – Akbar Birbal Stories in Hindi

 

Har mushkil ka hal Akbar Birbal , ये जुमला तो अपने जरूर सुना होगा , तो आज इसी Akbar Birbal stories in Hindi का एक और रोमांचक हिस्सा आपके सामने हम लेकर आये  है , उम्मीद  है  कि आपको ये कहानी पसंद आये। 

तो चलिए शुरू करते हैं आज की ये कहानी :-

तो  Akbar Birbal story कुछ यूँ  शुरू होती है –

 

राजा अकबर और महारानी की शादी की सालगिराह आने वालीं थी। महाराज सोच रहे थे, कि शादी की सालगिराह पर महारानी को क्या दिया जाये!

( आखिर सालगिराह का दिन आ ही गया )

महाराज अपने कमरे में जाते है और महारानी से कहते है – महारानी, शादी की सालगिराह बहुत मुबारक हो। हम आपके लिए एक तोहफा लाये है।

महाराज, महारानी को ” सोने के कंगन ” देते है।

यह देखकर महारानी बहुत खुश हो जाती है और कहती है – शुक्रिया, महाराज! ये तोहफा हमे बहुत पसंद आया है। आप हमारा बहुत ख्याल रखते है।

महाराज कहते है – ये कंगन आप हमें पहनकर दिखाइये।

 

( महारानी कंगन को पहन लेती है। यह देखकर महाराज बहुत खुश हो जाते है )

रात होते ही महारानी कंगनों को उतारकर अलमारी में रख देंती है।

अगली सुबह महारानी जब तैयार होती है, तो वह अलमारी से अपने सोने के कंगन निकालती है। जैसे ही वह देखती है कि, उनके सोने के कंगन आलमारी में नही है।

महारानी यह देखकर घबरा जाती है।

और तुरन्त महाराज को बुलाकर कहती है – महाराज, आपने जो कल सोने के कंगन दिए थे। वह अब मिल नही रहे है। मैने सब जगह देख लिया है।

महाराज कहते है – आप कंगन के लिए परेशान मत होइए। हम आपके लिए दूसरे ला देंगे। आप चिंता मत कीजिए। कंगन मिल जाएंगे।

Akbar Birbal Stories in Hindi - Jaadui Gadha

 

महाराज, सिपाहियों को बुलाकर कहते है – सिपाहियों, हमारी महारानी के कंगन खो गए है। जाओ जल्दी कंगन को ढूंढ कर लाओ।

सभी जगह देखने के बाद सिपाही आते है और कहते है – जहाँपनाह, हमने सब जगह देख लिया, लेकिन महारानी के कंगन कहीं भी नही मिले। शायद कंगन चोरी हो गए है।

महाराज कहते है – क्या ! कंगन चोरी हो गए है ? अब तो हमे बीरबल को बुलाना होगा। जाओ बीरबल को बुलाकर लाओ।

बीरबल – आदाब जहाँपनाह,

क्या हुआ ? आप बहुत परेशान लग रहे है।

महाराज – बीरबल, हमने कल महारानी को कंगन दिए थे, लेकिन अब वह कंगन चोरी हो गए है। सब जगह देख लिया पर कहीं भी नही मिले।

 

Akbar Birbal Stories in Hindi – अकबर बीरबल की हिन्दी कहानी

 

( महाराज सारी बात बीरबल को बता देते है )

बीरबल कहते है – जहाँपनाह, अगर कंगन कहीं गुम हो जाते तो जरूर मिलते। लेकिन कंगन मिल नही रहे है, इसका मतलब है कि, कंगन चोरी हो गए है।

आप चिंता मत कीजिये। आज शाम तक कंगन आपके हाथ मे होंगे।

जहाँपनाह, मेरा एक दोस्त है जो बहुत बुद्धिमान है। वह तुरन्त बता देगा कि, चोर कौन है ?

आज शाम को मैं उसको अपने साथ लेकर आऊँगा।

 

( शाम के समय दरबार मे सारे सिपाही और दासिंया को बुलाया जाता है )

तभी बीरबल, महाराज के सामने ‘एक गधे को लेकर आते है।

यह देखकर महाराज कहते है – ये क्या ले आये बीरबल, आप तो अपने साथ अपना दोस्त लाने वाले थे।

बीरबल कहते है – जहाँपनाह, ये गधा मेरा दोस्त है। यह एक जादुई गधा है। यह गधा अपने जादू से तुरन्त बता देगा कि चोर कौन है?

बीरबल दरबार मे उपस्थित सभी लोगो से कहते है – मैने दरबार मे एक पर्दा लटका दिया है। आप एक – एक करके इस पर्दे के पीछे जाएंगे

 

और “गधे की पूँछ पकड़कर बोलेंगे कि – मैंने कंगन नही चुराये है।”

महाराज कहते है – बीरबल, आप इस गधे से कैसे पूछेंगे कि कंगन किसने चुराये है?

बीरबल – आप उसकी चिंता मत कीजिये महाराज, बस आप देखते जाइये।

फिर बीरबल एक सिपाही को बुलाते है और पर्दे के पीछे भेज देते है। वह सिपाही पर्दे के पीछे जाकर गधे की पूँछ पकड़कर कहता है – मैने कंगन नही चुराये है।

 

( ऐसे ही सब लोग अंदर जाते है और गधे की पूँछ पकड़कर वापस आते है )

अब बीरबल, महाराज से कहते है – जहाँपनाह, अब मैं गधे के पास जाकर चोर के बारे में पूछता हूँ।

बीरबल गधे के पास जाते है और थोड़े समय बाद उसे बाहर लेकर आते है और कहते है – जहाँपनाह, मुझे सभी के हाथ देखने है।

बीरबल एक – एक करके सभी के हाथ देखते है और कहते है – जहाँपनाह, ‘ये सिपाही चोर है।’ इसने ही महारानी के कंगन चुराये है।

 

वह सिपाही कहता है – नही जहाँपनाह, मैने चोरी नही की है और यह गधा कैसे साबित कर सकता है कि, मैंने ही कंगन चुराये है।

महाराज कहते है – बीरबल , यह गधा कैसे कह सकता है कि, चोरी इसने ही की है।

बीरबल कहते है – जहाँपनाह, मैने गधे की पूँछ पर इत्र लगा दिया था।  जिसने भी इसकी पूँछ को पकड़ा था। उनके हाथ पर इत्र की खुशबू आ रही है।

लेकिन इस सिपाही ने डर के वजह से गधे की पूँछ को नही पकड़ा। जिससे यह पकड़ा ना जाये, इसलिए इसके हाथ से इत्र की खुशबू नही आ रही है।

 

यह सुनकर सिपाही डर जाता है और कहता है – जहाँपनाह, मुझे माफ़ कर दीजिए। मेरे मन मे लालच आ गया था। अब मैं ऐसा कभी नही करूँगा।

अकबर गुस्से में कहते है – तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई चोरी करने की।

अकबर, सिपाहियों से कहकर उससे कंगन ले लेते है और उसे जेल में बंद करा देते है।

अकबर कहते है – शुक्रिया बीरबल, शुक्रिया। आपने एक चोर को पकड़वाया।

 

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( Akbar Birbal Story in Hindi )

 

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( Moral story in Hindi )

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