अच्छी सीख | Moral story in Hindi | शिक्षाप्रद कहानी | Hindi Moral Stories

Moral story in Hindi Hindi Moral Stories acchi seekh

“अच्छी सीख” – Hindi Moral Stories

Moral Stories in Hindi , दोस्तों आज की इस Hindi Moral Stories में आपको एक बहुत बड़ी सीख सीखने को मिलेगी।

ये कहानी रोचक होने के साथ – साथ एक सीख भी देगी इस कहानी को अपने Family के साथ जरूर पढ़ना। 

 

दोस्तो, आज के समय मे हर इंसान यह चाहता है कि, उसकी सारी इच्छायें पूरी हो। वो जो चाहता है वह सब कुछ उसे मिले। उसे ऐसा लगता है कि, जीवन कितना खूबसूरत हो जाएगा, जब उसकी सारी इच्छाए पूरी हो जाएंगी।

लेकिन आज के समय मे लोगो की इच्छाए पूरी ना हो, तो वह उदास हो जाते है और जिद पकड़ लेते है, चाहे वह उनके लिए सही हो या ना हो।

जब लोगो की इच्छाएं पूरी नही होती है तो वह ईश्वर को कोसने लगते है और कहते है, मेरे साथ ही ऐसा होना था।

दोस्तो, जो चीज हमे आसानी से मिल जाती है उसकी कोई कदर नही होती है, लेकिन ‘उसी चीज के लिए अगर कीमत चुकाई जाए’ तो उसकी कदर होती है। यहां कीमत चुकाने का मतलब पैसे से नही है।

तो  शुरू करते है आज की ये Moral Stories for kids in Hindi कहानी –

 

एक मयूरी नाम की लड़की थी। वह एक दिन अपनी माँ के साथ मेला देखने गयीं। मेले में मयूरी ने मोती से जड़ी एक अंगूठी देखी। उस अँगूठी की कीमत ज्यादा थी।

उसने माँ से कहा – माँ, मुझे यह अँगूठी चाहिए।

माँ ने कहा – मयूरी, मैं यह अँगूठी तुम्हे दिलाऊंगी, लेकिन इसकी कीमत तुम्हें चुकानी पड़ेगी।

 

( मयूरी कुछ समझ नही पाती )

माँ कहती है – घर चलो, मयूरी।

घर पहुँचने के बाद माँ कहती है – मयूरी, तुम जो काम रोज करती हो। तुम उस काम को और बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकती हो। वह सब कुछ मुझे एक पेपर पर लिख कर दो

और तुम्हें यह काम 21 दिनों तक लगातार करना होगा।

मयूरी खुशी – खुशी मान जाती है।

माँ जानती थी, कि किसी काम को बेहतर बनाने के लिये 21 दिनों तक लगातार करने से एक आदत बन जाती है।

 

( 21 दिनों के बाद वह अँगूठी मयूरी को माँ से मिल जाती है )

मयूरी अँगूठी पाकर बहुत खुश हो जाती है। अँगूठी उसके लिए बहुत कीमती होती है क्योंकि मयूरी ने उसकी कीमत (21 दिन) चुकाकर अँगूठी को पाया था।

मयूरी, अपने पापा के साथ रोज बाहर घूमने जाती थी। एक बार पापा ने उससे कहा – मयूरी, क्या तुम मुझसे प्यार करती हो।

मयूरी कहती है- हाँ पापा। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ।

पापा कहते है- मयूरी, क्या तुम मुझे यह अँगूठी दे सकती हो।

 

( यह सुनकर वह चुप रह जाती हैं, क्योंकि वह अँगूठी उसके लिए बहुत कीमती थी )

तब मयूरी कहती है,- पापा, आप मेरी घड़ी ले लो ना। यह सुनकर पापा मुस्कुरा जाते है।

मयूरी रोज अपने पापा के साथ घूमने जाती और पापा रोज उससे अँगूठी मांगते। मयूरी हर बार पापा को कुछ न कुछ ऑफर कर देती। पापा हमेशा की तरह खुश हो जाते थे।

एक दिन पापा ने फिर वह अँगूठी मांगी, तब मयूरी ने उदास होकर वह अँगूठी पापा को दे दी।

पापा ने अँगूठी लेकर अपने बैग से एक बॉक्स निकाला और मयूरी को दिया।

मयूरी ने जब बॉक्स खोला तो वह बहुत ज्यादा खुश हो गयी। उस बॉक्स में हूबहू वही अँगूठी थी और वह असली मोती की थी।

तब पापा ने कहा – मयूरी, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। मै तुमसे कुछ लूंगा नही।

अगर कुछ ले भी लिया तो उससे भी ज्यादा बेहतर मैं तुम्हें दूंगा।

 

ऐसे ही ईश्वर हमारे जीवन मे हमसे कुछ ले लेता है तो विश्वास कीजिये। उसके बदले वह हमें कई गुना बेहतर हमे चीज़ देता है।

दोस्तो,  इस कहानी में एक अँगूठी ने मयूरी को दो बेहतरीन सबक सिखाये –

पहला सबक – जो चीज हमे चाहिये, उसकी कीमत अदा करो। क्योंकि माता – पिता हमे सब कुछ दिलाते है और उसकी कीमत भी चुकाते है। लेकिन हमारा भी फर्ज है कि हम अपनी जिम्मेदारियों को समझे और उसकी कीमत अपने माता – पिता को अदा करे।

ये कीमत दूसरो के प्रति प्यार, मुस्कुराहट, दूसरो की मदद करना कुछ भी हो सकती है।

दूसरा सबक – अगर हमारी जिंदगी में हमसे कुछ छीन लिया गया है, तो उदास मत होइए। क्योंकि अगर आप अपनी जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदार है, या तो वह चीज आपके लिए बनी ही नही थी, या उससे भी ज्यादा बेहतरीन हमे मिलने वाला है। बस उस ईश्वर पर अपना विश्वास बनाये रखिये।

 

इसलिए हमें अपने कर्तव्य,फर्ज को निभाते हुए कर्म करते जाना है और सर्व व्यापी निराकार परमात्मा/ ईश्वर पर पूरा विश्वास बनाये रखना है।

 

Also Read :

परेशानी का अनोखा हल – Moral Stories in Hindi – Paresaani ka Hal

सोच का जादू – Moral Stories in Hindi – Soch ka Jaadu

 

Hindi Moral Stories  , तो दोस्तों अगर आपको इस कहानी से कुछ सीखने को मिला और आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो इसेअपने दोस्तों के साथ Social media पर Shareभी कर देना। 

 

तो मिलते है एक नयी कहानी में  ( Moral Story in Hindi ) की जुबानी में।

Leave a Comment